गुरुवार, 29 मार्च 2012

कीमत हँसी की.....


  क़ीमत हर हँसी की
 अश्क़ों से  चुकायी,
पता नही और कितना
कर्ज़ रहा है बाक़ी,
आँसूं  हैं, कि, थमते नही!


रविवार, 11 मार्च 2012

उस पार तो लगा दे!


सिल्क  पे  थोडा  water color,थोड़ी  कढाई .

अरे ओ आसमान वाले!
कब से नैय्या मेरी पडी है,
इंतज़ार में तेरे खड़ी है,
नही है खेवैय्या,ना सही,
पतवार तो दिला दे,
 उस पार तो लगा दे!

बुला रहा है मुझे,
वो दूर साहिलों से,
इस पार झील के,
मेरा कोई नही है..
उस पार तो लगा दे!

शाम ढल रही है,
घिरने लगे अँधेरे,
मछली मुझे बना दे,
बिनती करूँ हूँ तुझ से,
उस पार तो लगा दे..!